वे दोनों रिक्शे पर जा रहे थे । पति रास्ता पूछने उतर गया । उसे पता करने मे समय लगा ।
रिक्शेवाला : पता नही कितना टेम लगेगा ? हमें छोड़ दीजिये ।
स्त्री : थोडी देर रुको वे आ ही रहे हैं ।
रिक्शेवाला :बहनजी थोडी देर मे दस रुपए मे एक किलो के बदले सवा किलो चावल थोड़े ही आएगा ।
सितंबर 17, 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हिंदी हिंदी के शोर में
हमारे स्कूल में उन दोनों की नयी नयी नियुक्ति हुई थी । वे हिन्दी के अध्यापक के रूप में आए थे । एक देश औ...
-
समूचा केरल आजकल दहेज़ से जुड़ी हत्या , अत्महत्या और प्रताड़नाओं की खबरों से ओतप्रोत है । जिधर देखो इसी ब...
-
पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब मैं जब बड़ा हो रहा था तो यह दोहा मेरे आसपास था । दोहा इसी तरह सबके आसपा...
-
कहाँ बदला है कुछ । ऐसा लगता है जैसे कल भी साथ थे और आज भी साथ हैं और फिर कल शाम भी कहीं उसी बेफिक्री में हँसते बतियाते फिरते रहेंगे । ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
स्वागत ...